1947 में आजाद हुआ देश और 1947 में ही बनी अतुल लिमिटेड। यह अरविंद मिल्स के लालभाई समूह की कंपनी है। इसके छह बिजनेस डिवीजन हैं – एग्रो केमिकल, एरोमैटिक्स, बल्क केमिकल व इंटरमीडिएट, रंग, फार्मा संबंधी उत्पाद व पॉलिमर और सभी स्वतंत्र रूप से धंधा बढ़ाने में लगे रहते हैं। कंपनी के 36,000 से ज्यादा शेयरधारक हैं। उसके दफ्तर अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, चीन व वियतनाम तक में हैं जहां से वह अपने विदेशी ग्राहकों की जरूरतें पूरी करती है। कंपनी लगातार अच्छा काम कर रही है और बराबर लाभांश भी दे रही हैं।
उसके शेयर का अंकित मूल्य दस रुपए है और वह बीएसई (कोड-500027) और एनएसई (कोड-ATUL) दोनों में लिस्टेड है। मंगलवार को उसका शेयर थोड़ी सी बढ़त लेकर एनएसई में 109.50 और बीएसई में 109.70 रुपए पर बंद हुआ है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2009-10 में 1190 करोड़ रुपए के धंधे पर 57 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है। उसका ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 19.22 रुपए है, जबकि प्रति शेयर बुक वैल्यू 125.97 रुपए है। यानी, जहां शेयर 5.71 के मामूली पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है, वहीं उसका भाव बुक वैल्यू से भी कम चल रहा है। वैसे, उसने इसी 26 जुलाई को 121.20 रुपए का उच्चतम स्तर हासिल किया है, जबकि उसका 52 हफ्ते का न्यूनतम स्तर 62.20 रुपए (12 अगस्त 2009) रहा है।
वित्तीय रूप से मजबूत कंपनी की भावी दशा-दिशा भी दुरुस्त दिखती है। करीब दो महीने पहले जून में उसके पॉलिमर डिवीजन ने पॉलिग्रिप ब्रांड का अधिग्रहण किया है। कंपनी के पास अहमदाबाद में अपनी 1400 एकड़ जमीन है। वह कॉरपोरेट गर्वनेंस के मामले में भी पक्की है। कंपनी के चेयरमैन एस एस लालभाई हैं और उसके दस सदस्यों के बोर्ड में सात सदस्य स्वतंत्र निदेशक हैं। इसमें हिंदुस्तान लीवर के पूर्व चेयरमैन एस एम दत्ता का नाम भी शामिल है। कंपनी की 29.66 करोड़ रुपए की इक्विटी में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 42.63 फीसदी है। पिछली चार तिमाहियों से वे थोड़ी-थोड़ी करके अपनी हिस्सेदारी बढ़ाते जा रहे हैं। जाहिरा तौर पर इस शेयर में बढ़ने की गुंजाइश पूरी नजर आती है।
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