Saturday, February 23, 2008

उठापटक में ज्यादा मुनाफा

राजशेखर

शेयर बाजार में जब ज्यादा उठापठक होती है, उसमें रिटेन की ज्यादा संभावना भी रहती है, हालांकि ज्यादातर महारतियों की सलाह होती हैं कि उठापटक में निवेश न करे बल्कि बाजार स्थिर होने पर प्रवेश करें. व्यवहारिक तौर पर देखा गया है कि उठापटक के बाद जब बाजार स्थिर होता है तो निवेशक के लिए मौके कम हो चुके होते हैं. शेयर के भावों में सुधार हो चुका होता है.दूसरी ओर जब सेंसेक्स तीन-चार सौ अंक नीचे जा रहा हो उसके बाद फिर ऊपर जा रहा हो, इस स्थिति में जब भी सेंसेंक्स नीचे आए तो निवेश करना बेहतर रहता है. जैसे ही सेंसेक्स बढ़ेगा शेयरों के भाव बढ़ने लगेंगे. इस स्थिति में निवेशक ज्यादा लाभ कमा सकते हैं, लेकिन यहां सावधानी जरूरी है क्योंकि अगर बाजार में तीन फीसदी की गिरावट आती है तो बाजार काफी नीचे जा सकता है.एक दो फीसदी की गिरावट के बाद बाजार का ऊपर उठना आसान है, लेकिन तीन फीसदी से ज्यादा गिरावट के बाद बाजार में कुछ समय के लिए पैनिक की स्थिति पैदा हो सकती है. इसलिए इस खतरे को देखते हुए निवेश का फैसला करना चाहिए. फिलहाल जो स्थिति है उसमें जबरदस्त बिकवाली की संभावना नहीं दिख रही है. बाजार एक रेंज में मंडराता हुआ नजर आ रहा है.बाजार एक-दो फीसदी गिरता है अगले दिन लगभग इतना ही बढ़ जाता है. कभी-कभी तो एक ही दिन जितना अंक बढ़ता है लगभग उतना ही गिर जाता है. इसके ठीक उल्ट स्थिति भी देखने को मिल रही है. बाजार जितना गिरता है लगभग उतना ही बढ़ जाता है. इस स्थिति में जब भी सेसेंक्स नीच आए तो निवेश करना बेहतर है.यही वजह है कि आजकल ज्यादा तरलता वाले प्रमुख शेयरों में तीन से सात आठ फीसदी तक की गिरावट आती है, लेकिन जल्द ही देखा जाता है कि उसमें लगभग उतनी ही बढ़ोतरी हो गई है.

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शेयर मार्केटः उठापटक में ज्यादा मुनाफा

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